150 करोड़ की लागत से बनेगा सुपर स्पेशलिटी, अस्पताल, 80 बीघा में आयुर्वेद यूनिवसिट - श्री देवनानी
अजमेर । बड़े शहरों की तर्ज पर अजमेर के सुनियोजित विकास का स्वपन अब पूरा होने जा रहा है। जिले के मरीजों को अब सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के लिए जयपुर नहीं जाना पड़ेगा। यहां 150 करोड़ की लागत से सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का विस्तार होगा। अजमेर महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की स्थापना के 37 वर्षों के बाद अजमेर में आयुर्वेद विश्वविद्यालय आकार लेने जा रहा है। इसी तरह पेयजल, सड़क, खेल, बस स्टैण्ड और अन्य सेवाओं के विस्तार पर भी सैकड़ों करोड़ रूपए खर्च होंगे।
विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी के निवास पर शनिवार को जनसैलाब उमड़ा। हजारों लोगों ने उनका अभिनंदन कर पहली बार इतनी बड़ी संख्या में विकास कार्य स्वीकृति कराने पर उनका आभार जताया।
राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, अजमेर को बजट 2024 में राजस्थान इंस्टि्टयूट ऑफ टेक्नोलॉजी की तर्ज पर किया जायेगा विकसित।
विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि शैक्षिक नगरी रूप में विख्यात अजमेर में अभियांत्रिकी महाविद्यालय अजमेर को राजस्थान इंस्टि्टयूट ऑफ टेक्नोलॉजी की घोषणा से अभियांत्रिकी महाविद्यालय अजमेर भी जयपुर के एमएनआईटी की तर्ज पर विकसित होगा। राजस्थान इंस्टि्टयूट ऑफ टेक्नोलॉजी घोषणा से कॉलेज में आरआईटी, ए.आई. सहित नए कॉर्स आएंगे। जिसका लाभ तकनीकी शिक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं को मिलेगा। साथ ही यहां से अध्यनरत् छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के अच्छे अवसर मिलेगे। महाविद्यालय प्रशासन से प्राचार्य डॉ. रेखा मेहरा, प्रो. प्रकृति त्रिवेदी, डॉ. ज्योति गजरानी, डॉ. चंदन शर्मा, डॉ. आलोक खत्री, डॉ. वी.सी. जैन, हिमांशु माथुर, प्रहलाद शर्मा, सुभाष मलिक, दीपक शर्मा सहित कार्मिक उपस्थित रहे।
150 करोड़ की लागत से सुपर स्पेशलिटी अस्पताल
विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने बताया कि कई दशकों पहले अजमेर में सुपर स्पेशलिटी चिकित्सा सेवाओं का स्वपन देखा था। यह ख्वाब अब पूरा होने जा रहा है। अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में करीब 150 करोड़ रूपए सुपर स्पेशलिटी सेवाओं के विस्तार पर खर्च होंगे। अजमेर संभाग के मरीजों को इन सेवाओं के लिए जयुपर या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। शीघ्र ही इन सेवाओं की विस्तृत योजना तैयार कर काम शुरू किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन से मेडिकल कॉलेज प्राचार्य वी.के. सिंह, अधीक्षक अरविन्द खरे, उपअधीक्षक, अमित यादव, डॉ. एम.पी. शर्मा, डॉ. राकेश मेहला, डॉ. अनिल सामरिया, डॉ. राकेश पोरलवाल, डॉ. एस.के. भास्कर, डॉ. संजीव माहेश्वरी, डॉ. दिग्विजय सिंह रावत, डॉ. मधु माहेश्वरी, डॉ. शिवकुमार बुनकर, डॉ. हर्षवद्र्धन सिंह, प्रकाश रामनानी, नर्सिग स्टॉफ से महिपाल चौधरी, ताराचंद मीणा, घनश्याम जोशी, अरूण िंसंह चौहान आदि मौजूद रहे।