भारत के सिनेमाओं में 9 अगस्त को नजर आएंगे झुंझुनूं के अभिनेता सलीम दिवान
संस्पेंस, थ्रीलर और रोमांस करते हुये दिखाई दे ंगे, झुंझुनूं के रहने वाले बॉलीवुड अभिनेता सलीम दिवान
9 अगस्त को सिनेमाघरों में मुझे प्यार और आर्शिवाद देने जरूर जायें - अभिनेता सलीम दिवान
संवाददाता। राजस्थान के झुंझुनू में जन्मे और प्रदेश का नाम बॉलीवुड सिनेमा जगत में ऊंचा कर रहे अभिनेता
सलीम दिवान इन दिनों देश और दुनिया में खूब नाम कमा रहे है। 9 अगस्त को भारतीय सिनेमाओं में उनकी
फिल्म आलिया बासु गायब हैं, रिलिज होने जा रही हैं, जिसके ट्रेलर ने करोड़ो भारतीय लोगों का दिल जिता है।
संस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर फिल्म में अभिनेता सलीम दिवान के साथ बॉलीवुड अभिनेता विनय पाठक
और अभिनेत्राी रायमा सैन नजर आएंगे। ये फिल्म 9 अगस्त से लगातार सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी।
सलीम दिवान पिछले दिनों अपनी फिल्म आलिया बासु गायब हैं, की कास्ट के साथ का प्रमोशन करने
राजधानी जयपुर आये थे, जहां उन्होंने मिडिया को सम्बोधित करते हुये कहां कि बॉलीवुड में काम करना और
फिल्म में अपने आप को बनाये रखना आसान नहीं हैं, लगातार काफी रोमांचक परिस्थितियों से गुजरना पड़ता हैं,
मेरे परिवार खानदान, समाज और मेरे जिले में किसी को नहीं जानता हूं, जो सिनेमा से जुड़े हुये है। ये एक बड़ा
चैलेंज होता हैं, कि आपको जो नाम कमाना हैं, अपने बलबूते पर और हर हार-जीत, मुश्किल आसान काम अपने
लेवल पर पैंशसंन रखते हुये करने है। सिनेमा में लगातार जुड़ाव और अभिनय की कला ही काम आती है, यहां
किसी का कॉन्टेक्ट नहीं चलता है। काफी चैलेंज होते हैं, इसी बिच मेरे डैडी को याद करूंगा कि उन्होंने मुझे
हारना नहीं सिखाया, हमेशा आगे बढ़ना सिखाया, उसी परिपाठी को पूरा कर रहा हूं।
इन जिलों के सिनेमा घरों में रिलिज होगी आलिया बासु गायब है, - उल्लेखनीय हैं, कि आलिया बासु गायब हैं,
फिल्म राजस्थान के 9 जिलों के सिनेमाघरों मे लगेंगी, जानकारी के अनुसार झुंझुनूं के एम.जी. मॉल, कोटा के
सिनेपॉलिस फन, बीकानेर के सिनेमैजिक मूविमैक्स, जयुपर के राजमंदिर और डब्लूटीपी के सिनेपॉलिस, सीकर
के बाईसकॉप मॉल, श्रीगंगानगर के पीवीआर रिद्वी सिद्वी मॉल, जोधपुर के आईनॉक्स मल्टिपलेक्टस, अजमेर के
आईनॉक्स सिटी स्क्वायर मॉल पंचशील नगर के सिनेमाघर में लगेंगी।
9 अगस्त को दूसरी फिचर फिल्म भारतीय सिनेमाओं में रिलिज होने जा रही हैं, ये मेरे लिये बड़े मायने
रखता हैं, इससे पहले भी बॉलीवुड डायरिज जो कि मेरी पहली थी, उसने बॉलीवुड में एक अलग पहचान बनाई
थी। सलीम ने बताया कि बॉलीवुड की दुनिया में वो ही ठीक पाता हैं, जिसमें अभिनय की कलां हो, जीवन में कई
बार ऐसे भी मोड़ आते हैं, कि बॉलीवुड में काम करना और फिल्म के किरदार निभाना काफी टफ बन जाता हैं,
लेकिन में हमेशा ऐक्टिंग को पड़कर चलता रहता हैं, सायद इसी लिये ये बड़ी फिल्में मे कर रहा हूं।
सलीम ने बताया कि आलिया बासु गायब हैं, फिल्म एक सस्पेंस से थ्रिलर से भरपूर हैं, जिसमें ऑडियंश
को कुछ अलग नजर आएगा, सिनेमा में काफी तरह की फिल्में बनती हैं, लेकिन आलिया बासु में ड्रामा, संस्पेंस
आपको इस फिल्म से जोड़कर रखेगा।
सलीम दिवान ने बताया कि एक छोटे से जिले झुंझुनूं की तहजीब और मायानगरी मुंबई तक का सफर
बड़ा कठीन साबित रहा हैं, काफी बार छोटे सोंग, शॉर्ट फिल्म, वैब सिरिज का ऑफर आता था, तो उनमें पूरी
लगन से काम करना मेरे लिये एक सफलता की कंुजी बनी। कभी ये नहीं सोचता था, कि ये तो छोटी फिल्म हैं,
इसमें काम नहीं करूंगा, मेरे छोटे से छोटे काम को बड़ा समझकर किया तभी सायद आज इतनी बड़ी फिल्म कर
पाया हूं।
आलिया बासु गायब है’ फिल्म में मेरे सबसे बड़ा अनुभव रहा विनय पाठक, रायमा सैन के साथ काम
करना हालांकि रायमा के साथ ये मेरी दूसरी फिल्म हैं, उनका अभिनय काफी अलग हैं, वो कलां को महसूस और
करीब से समझते हुये करती है।
विनय सर की तो बात ही क्या, इस फिल्म की शुटिंग के दौरान मेने ऐक्टिंग को करीब से समझना और
जो शॉर्ट हो, उसमे कैसे खो जाना हैं, वो विनय सर से सिखा, वो काफी उम्दा कलाकार हैं, उनके साथ काम
करकर में अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं।
सबसे रोमांचक बात तो हैं, कि जब फिल्म अनाउंस हुई तो पूरे बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक अलग ही माहौल
बना कि अलग तरह का सिनेमा इस फिल्म में देखने को मिलेगा, उसके बाद जब ट्रेलर लोंच हुआ, तो आप जो
इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार हो, चाहे डायरेक्टर उन सभी ने आर्शिवाद दिया। में उम्मीद करता हूं, कि जिस
तरह बॉलीवुड इंडस्ट्री मे आलिया बासु गायब है, को लेकर एक अलग माहौल बना हैं, उससे कई गुणा ज्यादा ये
फिल्म अपने अलग सिनेमा के लिये जानी जाएगी।
इस फिल्म में यह मेरे लिये सोभाग्य की बात है, कि मुझे इस तरह की भूमिका मेरे एक्टिंग करियर की शुरूआत में
मिली। यह ऐसा किरदार हैं, जिसको पर्दे पर उतारना इतना आसान नहीं था, लेकिन मैने इस किरदार की
मानसिकता को समझा और जिस तरह यह किरदार अपने जीवन में सोचना है, उस सोच को पकड़ा और फिर
मेरे लिये आगे का रास्ता आसान हो गया।
सलीम दिवान ने अपनी फिल्म की कहानी के सवाल पर चर्चा करते हुये बताया कि बड़ी बात ये हैं, आलिया बासु
गायब हैं, में मुझे इस किदरार ने अपनी खिंचा, क्योंकि जीवन में बहुत कम ऐसा किरदार उसको निभाने का मौका
मिलता हैं, जहां पर आप मनुष्य के विभिन्न मौके पर ही ईमोशन को एक ही किरदार में जीने का मौका मिलता है।
इस किरदार में वो सभी ईमोशन का मिश्रण है जो आपको देखने में मजा आयेगा और मनुष्य के अधिकार वाली
छुपी हुई साईड आपको पर्दे पर देखने को मिलेगी और आपको मनोरंजन भी करेगी।
इस किरदार के लिये मानसिक रोग विशेषज्ञ फिजिकोलोजिस्ट एवं काउंसलर की मदद लेनी पड़ी और
फिर में पुरी तरीके से इस किरदार को पकड़ा गया इसके साथ ही मेने खाने-पीने एवं डैली रूटीन को बदला एवं
वजन कम किया एवं मशल माश को कम किया।
आपसे ऑन सेट का किस्सा शेयर करना चाहूंगा कि एक रोल हैं, कि जब रायमा सैन को मुझे बाल्टी को
मेरे सर को छुना था, लेकिन ऐसा हुआ कि वो किरदार में खौ गई और बाल्टी मेरे सर पर इतने जौर से मारी के
मुझे उस मोमेंट पर दिखाई देना बंद हो गया और पूरी शूटिंग रूक गई थी। अक्सर ऐसा होता हैं, कि जब आप
शूटिंग में किरदार के साथ होते हो तो ऐसी घटनाओं हो जाती है।
इस भूमिका को कई मायनों में मेरे पिछले काम से काफी अलग जगह देना चाहूंगा कि ये किरदार मेरे
लिये एक ऐसा था, जो मेने कभी नहीं किया था, ये भूमिका बड़ी टफ साबित हुई, और मेने इसको जिया इसको
साथ ही मुझे काफी ऐसे भी अनुभव करने पड़े जो मानव स्वभाव में नहीं होते हैं, फिर भी मुझे इस किरदार को प्ले
करने में अलग भाव दिखाई दे रहा था। शारीरिक रूप से भी यह किरदार काफी अलग था, मुझे भूमिका के लिए
कई चीजे सीखनी पड़ी, इस कहानी में मुझे ये अलग लगा कि जो मेने पहले काफी रोल प्ले किये उसके मुताबिक
ये काफी अद्भुत हैं, और उम्मीद करता हूं कि लोगो को काफी पसंद आएगी।
अगर देखा जाये तो अक्सर फिल्मों में किरदारों का एक स्पष्ट आर्क होता है, लेकिन आलिया बासु गायब
हैं, में मेरे किरदार की जर्नी बहुत अधिक सुंदर और लाजवाब है। इसने मुझे फिल्म के हर एक पल में मौजूद रहने
के लिए चुनौती दी, कभी-कभी पता नहीं होता हैं, कि अगला दृश्य क्या होगा, उसके बावजूद भी मेने पूरी तरह से
इसको नहीं जानते हुये भी अगला रोल भावनात्मक रूप से जोड़ते हुये किया। यह अनुभव मेरे लिये एक अलग ही
लेवल का रहा, इससे मुझमें पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से काफी बदलाव देखने को मिला है।
उल्लेखनीय हैं, कि ये फिल्म रेहाब पिक्चर्स प्रा. लि. द्वारा बनाई गई हैं जिसको डायरेक्टर प्रिति सिंह ने
डायरेक्ट किया है। वहीं इस फिल्म के प्रोड्यूसर डॉ. सत्तार दिवान, जोनू राणा, डॉ. डी.जे झवर है।