दाल के बढ़ते दामों पर लगाम कसने की कवायद, दालों के भंडारण पर लिमिट लगाई डीएसओ ने व्यापारियों के स्टॉक की जांच की
लगातार बढ़ते भावों को देखते हुए सरकार ने दालों के भंडारण पर लिमिट लगा दी है। सरकार ने उड़द और अरहर पर लगी भंडारण सीमा को संशोधित किया है, जिसमें थोक विक्रेताओं और बिग चेन रिटेलर्स के लिए डिपो पर दालों की स्टॉक रखने की सीमा तय की गई है। इसमें थोक विक्रेता 2 हजार क्विंटल और खुदरा विक्रेता 50 क्विंटल दाल ही भंडारण कर सकेगा। इसके लिए सरकार ने पोर्टल जारी किया है, जिसमें पंजीयन कराना - आवश्यक होगा और उसमें प्रति सप्ताह स्टॉक का उल्लेख करना होगा। इसी को लेकर गुरुवार को ब्यावर जिला रसद अधिकारी अब्दुल सदीक ने प्रवर्तन निरीक्षक मुरालीलाल शर्मा के साथ शहर में कई व्यापारियों के गोदाम का औचक निरीक्षण कर स्टॉक जांचा। ऑनलाइन एंट्री करनी होगी।अन्यथा कार्रवाई होगी। अभी तक जिले में 25 व्यापारियों ने इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसकेसाथ ही जिले में गेहूं के स्टॉक की लिमिट भी तय की है। निगरानी की जिम्मेदारी रसद विभाग को सौंपी गई शहर में 6 कारोबारियों के यहां जाकर उनके स्टॉक की जांच की। सभी के यहां स्टाक निर्धारित सीमा में पाया गया।इस आदेश के तहत प्रदेश में 30 सितंबर 2024 तक अरहर और काबुली चना सहित चना के लिए भंडार सीमा निर्धारित की गई है। वहीं जिले में गेहूं के स्टॉक की सीमा 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी। गुरुवार को रसद विभाग द्वारा कशिश एंटरप्राइजेज, रेखा फ्लोर एंड दाल मिल, धन लक्ष्मी फ्लोर मिल्स, गंगाराम एंड कंपनी, विनीत फ्लोर मिल्स और सुरेश दाल मिल्स पर निरीक्षण कर स्टॉक की जांच की।