पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा- 2025 तथा वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान जिले में हुए अभूतपूर्व कार्य

अजमेर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा-2025 के अन्तर्गत जिलेभर में आयोजित शिविरों में बड़ी संख्या में आमजन को लाभान्वित करने का कार्य किया गया। वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान में भी अभूतपूर्व कार्य किए गए।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय अन्त्योदय संबल पखवाड़ा अन्तर्गत आयोजित हुए शिविरों में राजस्व विभाग द्वारा सीमाज्ञान के 2588 प्रकरण, लंबित पत्थरगढ़ी के 357 प्रकरण, लंबित कुर्रेजात की 175 रिपोर्ट तैयार की गई। लंबित नामान्तरणों के 4766 प्रकरणों का निस्तारण, 1346 रास्तों के प्रकरणों का निस्तारण, आपसी सहमति से 1256 बंटवारा, बजट घोषणाओं के लंबित भूमि आवंटन का 2 प्रस्ताव तैयार किया गया। अप्रयुक्त विभागीय भवनों व भूमि उपयोग एवं आवंटन के एक प्रकरण निस्तारित किए गए।

     इसी प्रकार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा डीबीटी के माध्यम से 21 हजार रूपये की दर से प्रोत्साहन राशि का वितरण करने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्तगांव योजना के तहत लक्षित 220 बीपीएल परिवारों के बैंक खातों का सत्यापन किया गया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना में बीपीएल परिवारों को विभिन्न लाभकारी योजनाओं से जोड़ने के 36 आवेदन प्राप्त हुए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय गरीबी मुक्त गांव योजना के लिए 5000 नए गांवों के 686 बीपीएल परिवारों का सर्वे किया। मिशन हरियाळो राजस्थान के तहत पखवाड़े के दौरान मनरेगा योजनान्तर्गत एक लाख 89 हजार 735 गड्डे खोदे गए।

पंचायती राज विभाग द्वारा 13 हजार 620 स्वामित्व कार्ड वितरित हुए। वर्षा जल संरक्षण के लिए जलग्रहण संरचनाओं की मरम्मत संबंधी 75 कार्य किए गए। पखवाडा अवधि में 46 कार्यों की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई। ऊर्जा विभाग द्वारा बिजली के 1118 झूलते तारों को खिंचवाने, 771 विद्युत पोल सही करवाने, तारों के सम्पर्क में आने वाले 2787 पेड़-पौधों की कटिंग करने संबंधित कार्य किए गए।

     जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने शिविरों के माध्यम से 382 लंबित नल कनेक्शन जारी किए। जिले में 429 पानी की टंकियों की साफ-सफाई करवाई, 11 जल स्रोतों के लंबित विद्युत कनेक्शन जारी किए, ग्रीष्मकाल में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 76 आकस्मिक कार्यों का सत्यापन किया। 576 लीकेज की मरम्मत, अंतिम छोर पर 281 स्थानों पर जल-दबाव जांच, पाइप लाइन सम्बन्धी कार्यों में तोड़ी गयी 13 हजार 82 मीटर सडकों की मरम्मत की स्थिति की समीक्षा एवं सत्यापन की गई।

     शिविर में जल संसाधन विभाग द्वारा खाल, आड़ के एक विवाद का निस्तारण, 53 नहरों के पटरों की सफाई एवं मरम्मत, 51 नहरों से गाद निकाली एवं झाड़ हटाई, 57 गेटों की सफाई एवं ग्रीस लगाई, पंचायत राज से जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित 13 जल संग्रहण संरचनाओं की मरम्मत की गई। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा सूक्ष्म सिंचाई योजना के अन्तर्गत 322 ड्रिप, मिनी एवं फव्वारा इत्यादि की स्वीकृति जारी की गई। 3854 मृदा नमूनों का संग्रहण तथा 2758 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण किया गया। वन विभाग द्वारा नर्सरियों से 97 हजार 77 पौधे वितरण करने के साथ ही हरियाळो राजस्थान के तहत एक लाख 42 हजार 966 पौधे लगाए गए।

      खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा एनएफएसए के अन्तर्गत 1828 आवेदनों का निस्तारण किया गया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल 17 हजार 676 नवीन पात्र परिवार व सदस्यों की आधार सीडिंग, एनएफएसए 13 हजार 961 परिवारों व सदस्यों की ई-केवाईसी शिविरों में की गई। इसी प्रकार आयोजित किए गए शिविरों के माध्यम से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा 181 दिव्यांगजन को यूडीआईडी कार्ड जारी, पीएमजेएवाई अन्तर्गत 1974 व्यक्तियों की ई-केवाईसी, 1181 पीएमजेएवाई कार्ड वितरण, पीएमवीवीवाई योजना के अन्तर्गत 730 व्यक्तियों का पंजीकरण, टीबी रोग की पहचान के लिए 11 हजार 147 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग, टीबी रोगियों को 536 निक्षय पोषण किट वितरण, 2320 गर्भवती महिलाओं की आरसीएच-एएनसी जांच, 2030 बच्चों के आरसीएच टीकाकरण किया गया। पखवाड़ा अन्तर्गत आयोजित कैम्पों में एनसीडी शिविर में 45 हजार 112 ओपीडी पंजीकरण किया गया। 30 वर्ष से अधिक उम्र के 24 हजार 307 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग एवं 3464 बीपी व शुगर के संभावित रोगी पाए गए।

पशुपालन विभाग द्वारा 17 हजार 8 रोगी बड़े पशुओं की चिकित्सा करने के साथ ही 38 हजार 956 रोगी छोटे पशुओं की चिकित्सा की गई। 60 हजार 40 पशुओं का लम्पी रोग प्रतिरोधक, गलघोंटू, लंगड़ा बुखार को टीकाकरण हुआ। शिविरों में 13 हजार 951 पशुपालकों को लाभान्वित किया गया। जनजाति एवं क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा शिविर के माध्यम से 5 पानी की टंकियों की सफाई करवाई गई।

शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय परिसरों में 3064 शौचालयों की सफाई, विद्यालय परिसरों में 259 शौचालयों की मरम्मत कार्य हुआ। इसी प्रकार 107 विद्यालयों में अनुपयोगी व जर्जर सामग्री का निस्तारण, 386 विद्यालयों में जल, बिजली, फर्नीचर, पंखे, स्वीच बोर्ड के आवश्यक समस्त कार्य किए गए। जिले में 1122 पंचायत विद्यालयों में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन, 23 विद्यालयों का क्रमोन्नयन, 13 विद्यालयों में नए संकाय शुरू, 55 हजार 597 विद्यार्थियों को पुस्तकों का वितरण शिविरों के माध्यम से किया गया।

     सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा शिविरों में 3035 सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स का सत्यापन किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के अंतर्गत 1080 पंजीकरण, पोषण ट्रेकर पर 3431 लाभार्थियों की एफआरएस एवं ई-केवाईसी की गई।

जिले के लाख से अधिक व्यक्तियों की भागीदारी से हुए ऐतिहासिक कार्य

    वन्दे गंगा जल संरक्षण जन अभियान में जिलेवासियों ने बढ ़चढ़कर भाग लिया। इस एतिहासिक कार्य को 7 लाख 10 हजार 979 व्यक्तियों ने मिलकर अंजाम दिया। इन सभी के सम्मिलित प्रयासों से यह अभियान जन अभियान बना। जिला प्रशासन ने समस्त विभागों एवं संगठनों के सहयोग से इस विराट कार्य को सम्पादित किया।

    अजमेर जिले में वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के अंतर्गत कुल 9299 कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें कुल 7 लाख 10 हजार 979 नागरिकों ने सहभागिता निभाई। इनमें से 2 लाख 82 हजार 696 पुरुष एवं 4 लाख 28 हजार 283 महिलाएं शामिल रहीं। महिला जागरूकता, सशक्तिकरण और सहभागिता का श्रेष्ठ नजारा देखने को मिला।

    इन कार्यक्रमों के अंतर्गत 2 हजार 498 स्थानों पर श्रमदान कार्य किए गए। इसकी अनुमानित लागत 31 लाख 59 हजार 847 रुपए आँकी गई। इसके अतिरिक्त 46 कॉर्पाेरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के अंतर्गत कार्य किए गए। इनसे 33 हजार 703 रुपए का आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ। विभागवार योगदान में पशुपालन विभाग, जलग्रहण एवं मृदा संरक्षण विभाग, पंचायती राज विभाग, एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग का कार्य उल्लेखनीय रहा।

    हरियाळाें राजस्थान के अंतर्गत कुल 2 हजार 29 कार्यक्रम आयोजित हुए। इनमें प्रमुख रूप से जलग्रहण विभाग, पशुपालन विभाग एवं स्थानीय स्वशासन की भागीदारी उल्लेखनीय रही। सफाई गतिविधियों के अंतर्गत 2 हजार 778 कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें जलग्रहण विभाग द्वारा सर्वाधिक एक हजार 547 सफाई कार्यक्रम किए गए। अभियान में जिले में सूचना, शिक्षा और संवाद से जुड़ी गतिविधियाँ भी व्यापक स्तर पर आयोजित की गईं। इसमें कुल 1503 कार्यक्रम हुए और पशुपालन, जलग्रहण एवं जनसंपर्क विभाग की मुख्य भूमिका रही। साथ ही 535 पूजा कार्यक्रम, 1344 श्रमदान कार्यक्रम और 267 कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इससे जनजागरूकता में व्यापक विस्तार हुआ।

     ब्लॉक स्तर पर अजमेर ग्रामीण में 1274 कार्यक्रमों में सर्वाधिक एक लाख 48 हजार 591 प्रतिभागियों ने भाग लिया। भिनाय ब्लॉक में एक हजार 578 कार्यक्रम आयोजित किए गए। इनमें 80 हजार 386 प्रतिभागियों ने भाग लिया। अरांई ब्लॉक में 941 कार्यक्रमों में 76 हजार 883 लोगों ने भाग लिया। सावर ब्लॉक में भी 301 कार्यक्रमों में 20 हजार 90 लोगों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त पीसांगन, श्रीनगर, किशनगढ़ सिलोरा और सरवाड़ ब्लॉकों में भी जन सहभागिता उत्साहजनक रही। यह ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान की प्रभावशीलता को दर्शाता है।

    राज्य स्तर पर अजमेर जिले ने कुल जनभागीदारी के मामले में 13वां स्थान प्राप्त किया है। इससे अजमेर जिला जल संरक्षण के इस जन अभियान में अग्रणी जिलों में शामिल है। इसने विभागीय समन्वय एवं जनसहभागिता के साथ उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह अभियान जनसहयोग से संचालित एक सशक्त सामाजिक चेतना का परिचायक बन चुका है। जल संरक्षण की दिशा में अजमेर जिले द्वारा किया गया यह कार्य भविष्य के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।