उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने राजस्थान महिला कल्याण मंडल के स्वर्ण जयंती समारोह में लिया भाग विशेष बच्चों के बीच संवेदनशीलता के साथ बिताया समय

अजमेर,  राजस्थान महिला कल्याण मंडल की ओर से बुधवार को चाचियावास स्थित परिसर में संस्थान की स्वर्ण जयंती के अवसर पर समारोह आयोजित किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी रहीं। उन्होंने कार्यक्रम में विशेष बच्चों के साथ संवेदनशीलता के साथ समय बिताया। उनका उत्साहवर्धन किया और संस्था द्वारा किए जा रहे सामाजिक सरोकारों के कार्यों की सराहना की।
   उपमुख्यमंत्री ने राजस्थान महिला कल्याण मंडल शिक्षण केंद्र के मानसिक दिव्यांग विद्यार्थियों द्वारा संचालित बाल संसद का अवलोकन किया और विद्यार्थियों को अनुशासन, समय प्रबंधन और लक्ष्य निर्धारण की महत्ता समझाई। उन्होंने बच्चों को बताया कि अनुशासन और नियमितता के साथ किया गया कार्य जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करता है। इस दौरान उन्होंने विद्यार्थियों के साथ मिलकर मिट्टी की गेंद बनाई, टेनिस खेला तथा अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया।
  उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के साथ कौशल विकास से भी जोड़ना आवश्यक है। इससे वे जीवन में आर्थिक रूप से सक्षम बन सकेंगे। समाज के विशेष वर्गों को सम्मान के साथ मुख्यधारा से जोड़ना ही समावेशी विकास का आधार है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान महिला कल्याण मंडल द्वारा विशेष बच्चों और महिलाओं के लिए किया जा रहा कार्य अत्यंत सराहनीय है। संस्था मानसिक दिव्यांग बच्चों को सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग दिखा रही है। साथ ही संस्था द्वारा घर-घर जाकर विशेष बच्चों को चिन्हित कर उन्हें प्रशिक्षण देना एक अनूठी पहल है।
   उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनका लाभ इस संस्था के माध्यम से समाज तक पहुँच रहा है। राज्य सरकार भी बजट में विशेष बच्चों के विकास के लिए प्रावधान कर रही है और समावेशी विकास की भावना से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में समावेशी शिक्षा का प्रावधान किया गया है। इसमें शिक्षा के साथ कौशल विकास को भी प्राथमिकता दी गई है। शिक्षा को रोजगार से जोड़ने के दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
  कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बकरी पालन, हाउसकीपिंग, फ्रंट ऑफिस प्रबंधन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर रोजगार उन्मुख अवसर प्रदान करना अनुकरणीय है।
   जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि राजस्थान महिला कल्याण मंडल शिक्षण केंद्र द्वारा विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में जो प्रयास किए जा रहे हैं वे प्रशंसनीय हैं। संस्थान द्वारा बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण देकर भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान उनके विधानसभा क्षेत्र में होने के कारण इसकी विकास से संबंधित सभी आवश्यकताओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा।
  संस्थान की 50 वर्षों की सेवायात्रा के उपलक्ष्य में इस अवसर पर स्वर्ण जयंती लोगो का लोकार्पण किया गया। इसे संस्थान परिसर में लगाया जाएगा। साथ ही संस्था की अब तक की उपलब्धियों और कार्यों को समाहित करती हुई एक डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर उपमहापौर नीरज जैन, अतिरिक्त जिला कलक्टर गजेंद्र सिंह राठौड़, भाजपा शहर अध्यक्ष रमेश सोनी, देहात अध्यक्ष जीतमल प्रजापत, अर्जुन नालिया, सिलोरा प्रधान, संस्था निदेशक राकेश कौशिक, क्षमा कौशिक सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् उपस्थित रहे।